Friday, May 9, 2008

Ek Mahaan Aurat - MAA

बच्चे की सेवा में जो पसीना बहाती हैं ,
बच्चे की खुशी के लिए जो अपना खून सुखाती हैं
अपने आँख के तारे को जो पलको पर सजाती हैं
वेह सम्मान पाती हैं, वह महान कहलाती हैं

अपने दिल के तुकरे के हर खाव जो भरती हैं
अपने न्यारे-प्यारे के हर दुःख जो हरती हैं
अपने लाडले को संकट से बचने को, पूरे समाज से लार्थी हैं
वह खाव भरता हैं, वह हर दुःख हरता हैं

जिसने रात को उसे लोरी खूब सुनाई हैं
ख़ुद गीले में रह कर उसे सूखे में सुलाई हैं
ख़ुद जाग कर झूले उसे झुलाई हैं
हम बच्चो के मन में इज्जत और मान उसी ने पाई हैं
और वो महान देवी एक माँ कहलाई हैं

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