सीता जन्म
भाग - 3
उधर मिथिला के खेतो में जहा किसान खुशाली लाते थे
आज वहीँ राजा जनक प्रजा की खुशहाली के लिए हल चलाते थे !!
कर रहे थे ऐसा वे, ले ऋषि का सुझाव नेक
जिसके अनुसार हल चला, पा सकते थे वह संतान एक
फिर धरती ने उगला सोना
चमक उठा धरती का हर कोना !!
बस तब तो था मिथिला में आनंद छाया
क्युकी राजा जनक ने एक कन्या को था पाया !!
वो तो थी धरती माँ की बेटी प्यारी
नाम रखा गया जिनका सीता सुकुमारी !!
जबसे पैदा हुई थी सिया रूप में लक्ष्मी अवतार
तबसे खुशिया मना रहा था मिथिला का हर परिवार !!
फिर पैदा हुई सीता की तीनो बहने, राज दुलारी
नाम थे जिनके उर्मिला, मांडवी और शुभकीर्ति कुमारी !!
एक बड़ा ही शुभवार आया था
मिथिला में उल्लास छाया था !!
पर वहा अयोध्या नगरी में
राजा दशरथ की राज नगरी में. !!
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