बाल कांड
जनम पूर्व
भाग - १
राजा दशरथ थे चिंता में लेटे
सोच रहे थे मेरे नहीं हैं बेटे !!
वह थे चिंता से बिलकुल मौन
' मेरे बाद अयोध्या पती बनेगा कौन' !
एक दिन आये ऋषि वशिष्ठ और सुझाव दिया एक
दूर गुफा में हैं ऋषि ऋंगी बड़े ही नेक !
उनसे करवाओ तुम पुत्रयेष्टि यज्ञ
ताकि अयोध्या की कीर्ति हो जाये सर्वज्ञ !!
कुछ समय पश्चात् झूम उठी अयोध्या सारी,
और खिल गयी ढेरो फूलो की क्यारी !!
राजन की थी तीन बीबिया प्यारी
कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी सबसे दुलारी !!
फलीभूत हुआ दिव्य यज्ञ जब
अयोध्या में खुशिया सर्वज्ञ हुई तब !!
खुशियों की छा गयी बहार
देवो ने गाए मंगल चार !!
उस दिन था बड़ा ही शुभवार
जब जन्म लिए विष्णु अवतार !!
No comments:
Post a Comment