सीता स्वयंवर की तैयारिया
उधर मिथिला नगरी मे
राजा जनक की राज नगरी मे
सयानी हो गयी थी चारो बहने
वह तो थी जैसे मिथिला के गहने
राजा जनक ने अपने मन मे किया कुछ विचार
कुछ दिवस बाद ही आयेगा बहुत ही शुभवार !!
बडी हो गयी है मेरी प्रिये सुपुत्री सीता
तो उस दिन मै क्यू न उसका विवाह ही कर देता !!
पर सिया राजकुमारी का विवाह किसी वीर कुवर से करुंगा
और सबसे बलशाली चुनने को स्वयंवर मै रचुंगा !!
मै महमांनो को शिव धनुष उठाने को बोलुंगा
और फिर उस पर प्रत्यंचा भी चढाने को कहुंगा !!
जो होगा इसमे सफल मेरी पुत्री विवाह उसी से करेगी
और अपने वीर पती संग सुखी जीवन भर वह रहेगी !!
यह सोच जनक ने विभिन्न राज्यो को भेजा समाचार
और लगे वे सोचने, आयेंगे कयी वीर राजकुमार !!
सिया स्वयंवर की खबर सुन तीनो बहने फुली ना समाई
जान यह समाचार सिया कुमारी भी शर्मायी !!
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