शिव धनुष का टूटना
जिस शिव धनुष को उठाने में सब हार गए थे
उसे उठा, प्रत्यंचा चढाने अब राम जी आ रहे थे !!
कदम - कदम उठाते गए वह शिव धनुष कि ओर
पुष्प की तरह, उनके धनुष उठाते ही मचा हर तरफ शोर !!
सीता कुमारी यह देख फूली न समायी
राजा जनक के चेहरे पर भी थी मुस्कान छाई !!
सीता की प्रिय बहनों ने उन्हें जयमाला पकडाई
शरमाते, मुस्काते हुऐ सिया राम की तरफ आई !!
सभी राजकुमारों, ऋषि श्रेष्ठ ने दोनों को दी बधाई
पुष्प वर्षा के बीच सीता ने राम को जयमाला पहनाई !!
सभा में सब जान गए की राम है श्रेष्ट और बलवान
और शिव धनुष के टूटने पर सब थे हैरान !!
सब ने बड़ी आस्था से किया राम को नमस्कार
राम जी ने बड़े आदर से किया प्रणाम स्वीकार !!
सीता जी ने राम को पहना दी थी जयमाला
पिता जनक ने सिया राम का विवाह तय कर डाला !!
विश्वामित्र जी की आज्ञा पा जनक का दूत अयोध्या आया
वहा राजा दशरथ को शुभ स्वयंवर का विवरण सुनाया !!
पुत्र विवाह का समाचार सुन, हर्ष में मुस्काए
ढोल नगाडे बज उठे, खूब बताशे बंटवाये !!
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