Sunday, November 8, 2009

शिव धनुष

शिव धनुष

विश्वामित्र के आने का संदेसा जैसे ही जनक जी ने पाया
फूलो के पथ पर उन्हें महल के भीतर बुलाया !!

ऋषिवर ने राजा जनक को राम - लखन से मिलवाया
राम जी के तेज़स्वी रूप और साहस का बोध कराया !!

ऋषि ने बताया कैसे राम ने ताड़का और सुबाहु को मारा था
और कैसे दैत्य मारीच भी युद्घ में श्री राम से हारा था !!

ऋषि ने फिर राम जी को शिव धनुष भी दिखाया
बोले इस दिव्य धनुष को अब तक कोई नहीं है उठा पाया !!

राजा जनक के पूर्वजों को शिव जी ने यह दिया था
जनक पूर्वजों ने भी इसे इज्ज़त से स्वीकार किया था !!

सीता स्वयंवर में राजकुमारों को इस पर प्रत्यंचा चढानी है
भाग कई वीर लेंगे, क्युकी उन्हें सीता पानी है !!

कमल-लोचन, सुन्दर कन्या है सीता राजकुमारी
पहली नज़र में ही उन पर हो सकता है कोई बलिहारी !!

राम तुम इस स्वयम्वर में भाग जरूर ही लेना
तुम कितने बलवान हो सृष्टि को दिखा देना !!

कुछ ही दिनों में शुरू हुआ सीता कुमारी का स्वयंवर
उल्लास से भर उठा मिथिला का हर घर !!

No comments: